चरसी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चरसी संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चरस + ई (प्रत्य॰)]

१. वह जो चरस की सहायता से कुएँ से पानी निकलता हो । चरस द्बारा खेत सींचनेवाला ।

२. वह जो चरस पीता हो । चरस का नशा करनेवाला । जैसे—चरसी यार किसके ? दम लगाया खिसके ।—कहावत ।