चाँक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चाँक संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चौ (= चार) + अंक=चिह्न)]

१. काठ की वह थापी जिसपर अक्षर या चिह्न खुदे होते हैं और जिससे खलियान में अन्न की राशि पर ठप्पा लगाते हैं ।

२. खलियान में अन्न की राशि पर डाला हुआ चिह्न ।

३. टोटके के लिये शरीर के किसी पीड़ित स्थान के चारों ओर खींचा हुआ घेरा । गोंठ ।