चीरा
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
चीरा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चीरना]
१. एक प्रकार की लहरिएदार रंगीन कपडा जो पगडी बनाने के काम में आता है । क्रि॰ प्र॰—बाँधना ।—बनाना । यौ॰—चीराबंद ।
२. गाँव की सीमा पर गाडा हुआ पत्थर या खंभा आदि ।
३. चीरकर बनाया हुआ क्षत या घाव । क्रि॰ प्र॰—देना ।—मिलना ।—लगाना । मुहा॰—चीरा उतारना या तोडना = (किसी पुरूष का स्त्री के साथ) प्रथम समागम करना । कुमारी का कौमार्य नष्ट करना । यौ॰—चीराबंद ।