छू

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छू संज्ञा पुं॰ [अनु॰] मंत्र पढ़कर फूंक मारने का शब्द । मंत्र की फूँक । क्रि॰ प्र॰—करना । मुहा॰—छू बनना या होना=चलता बनना । चंपत होना । गायब होना । उड़ जाना । जाता रहना । न रहना । छू छू बनाना= उल्लू बनाना । बेवकूफ बनाना । छूमंतर=मंत्र की फूँक । छू मंतर होना=चट पट दूर होना । मिट जाना । गायब होना । जाता । रहना । न रहना । जैसे, दर्द का छू मंतर होना । विशेष—इंद्रजालिक या बाजीगर प्रायः मंत्र पढ़ते हुए छू कहकर वस्तुओं को गायब कर देते हैं ।