झटका

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

झटका संज्ञा पुं॰ [अनु॰]

१. झटकने की क्रिया । झोंके से दिया हुआ हलका धक्का । झोंका । उ॰—पिउ मोतियन की माल है, पोई काचे धाग । जतन करो झटका घना, नहिं टूटै कहुँ लागि ।—संतवाणी॰, पृ॰ ४२ । क्रि॰ प्र॰—खाना ।—देना ।—मारना ।—लगना ।—लगाना ।

२. झटकने का भाव ।

३. पशुवध का वह प्रकार जिसमें पशु एक ही आघात से काट डाला जाता है । उ॰—मुसलमान के जिबह हिंदू के मारैं झटका ।—पलटू॰, पृ॰ १०६ । यौ॰—झटके का मांस = उत्क प्रकार के मारे हुए पशु का मांस ।

४. आपत्ति, रोग या शोक अदि का आघात । क्रि॰ प्र॰—उठाना ।—खाना ।—लगना ।

५. कुश्ती का एक पेंच जिसमें विपक्षी की गरदन उस समय जोर से दोनों हाथों से दबा दी जाती है जब वह भीतरी दाँव करने कै इरादे से पेट में घुस आता है ।