टाँड़
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
टाँड़ ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ स्थाणु]
१. लकड़ी के खंभों पर या दो दीवारों के बीच लकड़ी की पटरियाँ या बाँस के लट्ठे ठहरा कर बनाई हुई पाटन जिसपर चीज असबाब रखते हैं । परछती ।
२. मचान जिसपर बैठकर खेत की रखवाली करते हैं ।
३. गुल्ली डंडे के खेल में गुल्ली पर डंडे का आघात । टोला । क्रि॰ प्र॰—मारना ।—लगाना ।