टूक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

टूक † संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्तोक] टुकडा़ । खंड । उ॰— तिहि मारि करुँ ततकाल टूक ।—ह॰ रासो, पृ॰ ४८ । यौ॰—टूक टूक । उ॰—मन को मारूँ पटकि के, टूक टूक होइ जाय ।—कबीर सा॰, पृ॰ ५५ । मुहा॰—दो टूक करना = स्पष्ट करना । किसी प्रकार का भेद न रहने देना । = दो टूक जवाब देना = स्पष्ट जवाब देना । साफ साफ नकार देना ।