डाह

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

डाह संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दाह ]

१. जलन । ईर्ष्या । द्वेष । द्रोह । उ॰— इनके मन मैं औरों की जाह बड़ी प्रबल थी ।—श्री— निवास ग्रं॰, पृ॰ २१२ । क्रि॰ प्र॰— करना । रखना ।

२. ताप । जलन । उ॰— पुहकर डाह वियोग, प्रान विरह वस होहिं जब । का समझावहिं लोग, अग्नि न थिर पारौ रहै ।— रसरतन, पृ॰ ६४ ।