ढुरहुरी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ढुरहुरी संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ ढुरना]

१. लुढ़कने की क्रिया का भाव । नीचे ऊपर होते हुए फिसलने या बढ़ने की क्रिया । उ॰— लूटि सी करति कलहंस जुग देव कहै, तुटि मोतिसिरि छिति खुटि ढुरहरी लेति ।— देव (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—लेना ।

२. पगडंड़ी । पतला रास्ता । नथ में लगी हुई सोने के गोल दानों की पंक्ति ।