तकला

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तकला संज्ञा पुं॰ [सं॰ तर्कु]

१. लोहे की वह सलाई जो सूत कातने के चरखे में लगी होती है और जिसपर सूत लिपटता जाता है । टेकुआ ।

२. बिटैयों की टेकुरी की सलाई जिसपर कला- बत्तू बटकर चढ़ाते जाते हैं ।

३. सुनारों को सिकरी बनाने की सलाई ।

४. रस्सा या रस्सी बनाने की टिकुरी । मुहा॰—किसी के तकले से बल निकालना = सारी शेखी या पाजीपन दूर करना । अच्छी तरह दुरुस्त या ठीक करना ।