तरकारी
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
तरकारी संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰ तरह् ( = सब्जी, शाक) + कारी]
१. वह पौधा जिसकी पत्ती, जड़, डंठल, फल फूल आदि पकाकर खाने के काम में आते हैं । जैसे, पालक, गोभी, आलू, कुम्हड़ा इत्यादि । शाक । सागपात भाजी । सब्जी ।
२. खाने के लिये पकाया हुआ फल फूल, कंद मूल, पत्ता आदि । शाक भाजी ।
३. खाने योग्य मांस ।—(पंजाब) । क्रि॰ प्र॰—बनाना ।