तिर्गुन संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'त्रिगुण' । उ॰—इ कहै ठगा न कोई, लिए है तिर्गुन गाँसी ।—पलटू॰, भा॰ १, पृ॰ ८३ ।