तेहरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

तेहरा वि॰ पुं॰ [हिं॰ तीन + हरा(प्रत्य॰)] [वि॰ स्त्री॰ तेहरी]

१. तीन परत किया हुआ । तीन लपेट का ।

२. जिसकी एक साथ तीन प्रतियाँ हों । जो एक साथ तीन हो । उ॰— दोहरे तेहरे चौहरे भूषण जाने जात ।—बिहारी (शब्द॰) ।

३. जो दो बार होकर फिर तीसरी बार किया गया हो । जैसे, तेहरी मेहनत । विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का व्यवहार ऐसे ही कामों के लिये होता है जो पहले दो बार करने पर भी उत्तम रीति से या पूर्ण न हुए हों ।

४. तिगुना । (क्व॰) ।