त्रिघाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

त्रिघाना पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ तृप्त] तृप्त होना । संतुष्ट होना । उ॰— नचैं कर बैताल त्रिघाई । नारद नद्द करै किलकाइ ।— पृ॰ रा॰, १९ ।२१४ ।