दुरमत

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दुरमत पु संज्ञा स्त्री॰ [प्रा॰ हिं॰] दे॰ 'दुर्मति' । उ॰—पाँचो यार पचीसो भाई सगरि गोहार बोलाओ । तेगा तरकस कस के बाँधो, दुरमत दूर बहाओ ।—कबीर श॰, भा॰ २, पृ॰ ७ ।