धर्मधक्का

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धर्मधक्का संज्ञा पुं॰ [सं॰ धर्म + हिं॰ धक्का]

१. वह कष्ट जो धर्म के लिये उठाना पड़े । वह हानि या कठिनाई जो परोपकार आदि के लिय़े सहनी पड़े ।

२. वह कष्ट या प्रयत्न जिससे निज का कोई लाभ न हो । व्यर्थ का कष्ट ।