नदान
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
नदान पु † वि॰ [फा॰ नादान] बे समझ । बुद्धिहीन । उ॰— दान दे रे जिय को नदान निर्दई कान्ह, बसी सब रैन मोहि अब घर जान दे ।—देव (शब्द॰) ।
२. छोटी उम्र का । इतनी छोटी उम्र का जो संसार का व्यवहार बिलकुल न समझ सकता हो । उ॰—(क) जो जसुमति तें जाय पुकारें । लखि नदान तहँ हम ही हारै ।—रघुनाथ (शब्द॰) । (ख) भैया तोर निपट नदान छोटी ननदी ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ३४० ।