पँखिया

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पँखिया संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ पंख]

१. भूसे या भूसी के महीन टुकड़े । पाँकी ।

२. पखड़ी । उ॰—देव कछु अपनो बस ना रस लालच लाल चेतै भइ चेरी । वेगि ही बूड़ि गई पँखिया आँखियाँ मधु की मखियाँ भइ भेरी ।—इतिहास, २६९ ।