पंचमहाशब्द

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पंचमहाशब्द संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चमहाशब्द] पाँच प्रकार के बाजे जिन्हे एक साथ बजवाने का अधिकार प्राचीन काल में राजाओं महाराजाओं को ही प्राप्त था । इसमें ये पाँच बाजे माने गए हैं—श्रृंग (सींग), तम्मट (खँजड़ी ?), शंख, भेरी और जयघंटा ।