पराई

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पराई वि॰ स्त्री॰ [हिं॰ पराया] अन्य की । दूसरे । उ॰—(क) बिनु जोबन भइ आस पराई । कहा सो पूत खंभ होय आई ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) तोहि कौन मति रावन आई । आजु कालि दिन चारि पाँच में लंका होत पराई ।— सूर (शब्द॰) ।

२. जो आत्मीय न हो । दूसरा । विराना । उ॰—मैन फिर लिखवाया कि तूँ आ जा, घर में बसना ठीक है । पराई जगह के पैर नहीं होते ।—पिंजरे॰, पृ॰ ६३ ।