पहु

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पहु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रभु, प्रा॰ पहु] प्रभु । प्रिय । स्वामी । उ॰— कौन गुन पहु परबस भेल सजनी, बुझलि तनिक भल मंद ।— विद्यापति, पृ॰ १२६ ।

पहु ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ प्रभा] दे॰ 'पौ' । ड॰— पहु फट्टत सवितर उवत, पहुवर मिल्लव धाय । — प॰ रासो, पृ॰ १४१ ।