पुरखा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पुरखा संज्ञा पुं॰ [सं॰ पुरुष] [स्त्री॰ पुरखिन]

१. पूर्वज । पूर्वपुरुष । उत्पत्ति परंपरा में पहले पड़नेवाले पुरुष । जैसे, बाप, दादा, परदादा इत्यादि । जैसे,—ऐसी चीज उसके पुरखों ने भी न देखी होगी । उ॰—चलत लीक पुरखान की करत तिनहिं के काज ।—लक्ष्मण (शब्द॰) । मुहा॰—पुरखे तर जाना = पूर्वपुरुषों को (पुत्र आदि के कृत्य से) परलोक में उत्तम गति प्राप्त होना । बड़ा भारी पुण्य या फल होना । कृतकृत्य होना । जैसे,—एक दिन वे तुम्हारे घर आ गए, बस पुरखे तर गए ।

२. घर का बड़ा बूढ़ा ।