प्रसताव

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रसताव पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रस्ताव] दे॰ 'प्रस्ताव' । उ॰—प्रसताव भाव तिन कहि उचार । जोगिनिय बोल आदीतबार । पहराइ वेस बदलाय भेस । इम कियो राजद्वारह प्रवेस ।—पृ॰ रा॰, १ ।३७३ ।