फँसड़ी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फँसड़ी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ फाँस + ड़ी (प्रत्य॰) फाँस । बंधन । फंदा । उ॰— ऋणी हो जाने से किसान के गले की फँसड़ी महाजन के हाथ हो जाती है ।— प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ २९७ ।