फाल्गुन
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- हिंदू पंचांग का बारहवाँ माह।[१]
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
फाल्गुन संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. दूर्वा नामक सोमलता । विशेष—शतपथ ब्राह्मण में इसे दो प्रकार का लिखा है, एक लोहितपुष्प, दूसरा चारुपुष्प ।
२. एक चांद्र मास का नाम जिसमें पूर्णमासी के दिन चंद्रमा का उदय पूर्वा फाल्गुनी वा उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होता है । विशेष—यह महीना माघ के समाप्त हो जाने पर प्रारंभ होता है । इसी महीने की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन होता है । दे॰ 'फागुन' ।
३. अर्जुन का नाम । उ॰—नयनन मिलत लई कर गहि के फाल्गुन चले पराय । सुनि बलदेव क्रोध अति बाढ़ेउ कृष्ण शांत किय आय ।—सूर (शब्द॰) ।
४. अर्जुन नामक वृक्ष ।
५. एक तीर्थ का नाम ।
६. वृहस्पति का एक वर्ष जिसमें उसका उदय फाल्गुनी नक्षत्र में होता है ।