बंकनाल
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
बंकनाल संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बंक + नाल] सुनारों की एक नली जो बहुत बारीक टुकड़ों की जुड़ाई करने के समय चिराग की लौ फुँकने के काम आती है । बगनहा ।
२. शरीर की एक नाड़ी । सुषुम्ना । उ॰—बंकनाल की औघट घाटी, तहाँ न पग ठहराई ।—कबीर॰ श॰, भा॰ ३ पृ॰ ७८ ।