प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
बकुल सज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. मौलमिरी । उ॰— देखी पवन के झोंकों से बकुल के पत्ते कैसे हिलते हैं ।— शकुंतला, पृ॰ १५ ।
२. शिव । महादेव ।
३. एक प्राचीन देश का नाम ।
४. एक प्रकार की औषधि (को॰) ।
बकुल सज्ञा पुं॰ [सं॰] मौलसिरी का पेड़ [को॰] ।