बाड़
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
बाड़ ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बाढ़]
१. वृद्धि ।
२. तेजी । जोर । उ॰— बाढ़ चलंती बेलरी उरझी आसाफंद । टूटे पर जूटे नहीं भई जो वाचाबंध ।—कबीर (शब्द॰) ।
बाड़ † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ वाट] फसल की हिफाजत के लिये खेतों के चारों तरफ बास, काटे आदि बनाया हूआ मजबूत घेरा । टट्टी । आड़ ।
बाड़ ^३ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] स्त्रियों का बाँह पर पहनने का टाँड़ नामक गहना ।