बोक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बोक † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बकरा] बकरा । उ॰—कहूँ बैल भैंसा भिरै भीम भारे । कहूँ एण एणीन के हेत कारे । कहूं बोक बाँके कहूँ मेष सूरे । कहूँ मत्त दंती लरै लोह पूरे ।—केशव (शब्द॰) ।