भुज

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भुज संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. बाहु । बाँह । सुहा॰—भुज में भरना = आलिंगन करना । अंक भरना । गले लगाना । उ॰—कहा बात कहि पियहि जगाऊँ । कैसे भुज भरि कठ लगाऊँ ।—(शब्द॰) ।

२. हाथ ।

३. हाथी का सूँड़ ।

४. शाखा । डाली ।

५. प्रांत । किनारा । मेड़ ।

६. लपेट । फेंटा ।

७. ज्यामिति या रेखागणित के अनुसार किसी क्षेत्र का किनारा वा किनारे की रेखा । यौ॰—द्विभुज । त्रिभुज । चतुर्भुज, इत्यादि ।

८. त्रिभुज का आधार ।

९. छाया का मूल वा आधार ।

१०. समकोणों का पूरक कोण ।

११. दो की संख्या का बाधक शब्दसंकेत । १२ ज्योतिषशास्त्र के अनुसार तीन राशियों के अंतर्गत ग्रहो की स्थिति वा खगोल का वह अश जो तीन राशि से कम हो ।