भुरभुरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भुरभुरा ^१ वि॰ [अनु॰] [स्त्री॰ भुरभुरी] जिसके कण थोड़ा आघात लगने पर भी बालू के समान अलग अलग हो जायँ । बलुआ । जैसे,—यह लकड़ी बिलकुल भुरभुरी हो गई है ।

भुरभुरा ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] उत्तरी भारत में होनेवाली एक प्रकार की बरसाती घास जिसे गौएँ, बैल और घोड़े बहुत पसंद करते हैं । इसका मेल देने से कड़े चारे नरम हो जाते हैं । पलंजी । झूसा । गलगला ।