मटक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मटक संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मट (=चलना)+हिं॰ क (प्रत्य॰)]

१. गति । चाल । उ॰—कुडल लटक सोहै भृकुटी मटक मोहै अटकी चटक पट पीत फहरान की ।—दीनदयाल (शब्द॰)

२. मटकने की क्रिया या भाव । उ॰—वह मटक के साथ सबकी और पीठ करके बड़ी तेजी से दूसरे कमरे में चली गई ।—जिप्सी, पृ॰ २७० । यौ॰—चटक मटक ।