मरमर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मरमर संज्ञा पुं॰ [यू॰] एक प्रकार का दानेदार चिकना पत्थर जिसपर घोटने से अच्छी चमक आती है । विशेष—इसमें चूने का अंश अधिक होता है और इसे जलाने से अच्छी कली निकलती है । यद्यपि संसार के भिन्न भिन्न प्रदेशों में अनेक रंगों के मरमर मिलते हैं, पर सफेद रंग के मरमर ही को लोग विशेषकर मरमर या 'संग मरमर' कहते हैं । जो मरमर काला होता है, उसे 'संग मूसा' कहते है । मरमर पत्थर की, मूर्तियाँ खिलौने, बरतन आदि बनाए जाते हैं और उसकी पटिया और ढोके मकान बनाने में भी काम आते हैं । अच्छा मरमर इटली से आता है; पर भारतवर्ष में भी यह जोधपुर, जयपुर कृष्णगढ़ और जबलपुर आदि स्थानों में मिलता है ।

मरमर ‡ ^१ संज्ञा पुं॰ [हि॰ मल या अनु॰] वह पानी जो थोड़ा खारा हो ।