मसकीन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मसकीन पु † वि॰ [अ॰ मिसंकीन]

१. गरीब । दीन । बेचारा । उ॰— ह्वै मसकीन कुलीन कहावौ तुम योगी संन्यासी । ज्ञानी गुणी शूर कवि दाता ई मति काहु न नासी । —कबीर (शब्द॰) ।

२. साधु । संत । उ॰—क्या मूड़ी भूमिहि शिर नाए क्या जल देह नहाए । खून करै मसकीन कहावै गुण को रहै छिपाए ।—कबीर (शब्द॰) ।

३. दरिद्र । कंगाल ।

४. भोला भाला ।

५. सुशील ।