मारन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मारन पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ मारण]

१. माप डा़लना । उ॰— धाय सुवा लै मारन गई । समुझि ज्ञान हिये महँ भई । —जायसी (शब्द॰) ।

२. दे॰ 'मरण' । उ॰— सतगुरु शब्द सहाई । मारन मोहन उचाटन बसिकरन मनहि माहि पाछिताई ।—कबीर श॰, भा॰,

२. पृ॰ २८ ।