मुरकी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मुरकी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मुरकना (= घूमना)] कान में पहनने की छोटी बाली । उ॰—बदन फेरि हाँसे हेरि इत करि ललचोहै नैन । उर उरकी दुरकी लुरक जुर मुरकी कर सैन ।—स॰ सप्तक, पृ॰ ३९६ ।

२. संगीत में आगे पीछे के स्वरों पर होते समय झटके से किसी स्वर पर जाना ।