मुहरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मुहरा ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मुँह + रा (प्रत्य॰)]

१. सामने का भाग । आगा । सिरा । सामना । मुहा—मुहरा लेना = मुकाविला करना । सामने होकर लड़ना ।

२. निशाना ।

३. मुँह की आकृति । यौ॰—चेहरा मुहरा ।

४. शतरंज की कोई गोटी । उ॰—घोड़ा दै फरजी बदलावा । जेहि मुहरा रुख चहै नो पावा ।—जायसी (शब्द॰) ।

५. पन्नी घोटने का शीशा ।

६. [स्त्री॰ मुहरी] घोड़े अथवा सवारी के पशुओं का एक साज जो उसके मुँह पर पहनाया जाता है । उ॰—(क) अनुपम सुछबि मुहरो लगाम ललाम दुमची जीव को ।—रघुराज (शब्द॰) । (ख) ऊँमर साल्ह उतारियउ मन खोटइ मनुहारि । पगसूँ ही पग कूँटियउ, मुहरी झाली नारि ।—ढोला॰, दू॰ ६२९ ।

७. शतंरज की गोटियाँ ।