रूपा
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
रूपा संज्ञा पुं॰ [सं॰ रुप्य]
१. चाँदी । उ॰—(क) हरिमन मथिवे को मानों मनमथ्थ लिखे रूपे के रुचिर अंक पट्टिका कनक की ।— केशव (शब्द॰) । (ख) यह सुन नंद जी ने कंचन के श्रृंग, रूपे के खुर, ताँबे की पीठ समेत दो लाख गऊ पाटंबर उढ़ाय संकल्प की ।—लल्लू (शब्द॰) ।
२. घटिया चाँदी, जिसमें कुछ मिलावट हो ।
३. वह बैल जो बिलकुल सफेद रंग का हो । इस रंग के बैल मजबूत और सहिष्णु माने जाते हैं ।
४. स्वच्छ सफेद रंग का घोड़ा । नुकरा ।