लत्ती

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लत्ती ^१ संज्ञा स्त्री॰ [देशी लत्तिया, हिं॰ लात]

१. प्रहार के लिये उठाया या चलाया हुआ घोडे़, गदहे आदि का पैर । पशुओं का पादप्रहार । लात ।

२. लात मारने की क्रिया । उ॰— कोऊ लरत लत्ती चलावत कोउ कोई मारती । — प्रेंमघन॰, भा॰ १, पृ॰ ११३ । क्रि॰ प्र॰—चलाना ।—फटकारना ।—मारना । यो॰—दुलत्ती=घोडे़, गधे आदि जानवरों का अपने पिछले दोनों पैरों से किसी पर प्रहार करना ।

लत्ती ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ लत्ता]

१. कपड़े की लंबी धजी ।

२. बाँस में बंधी हुई कपडे़ की धजी जिसे ऊँचा करके कबूतर उडा़ते हैं ।

२. पतंग की दुम अर्थात् नीचे बंदी हुई कपड़े की लंबी धजी । पुछिल्ला ।

३. किसी ओर झुकती या कन्नी काती हुआ पतंग को ठीक रखने के लिये उसके विपरीत ओर की कमाची में बाँधने का लत्ता या धज्जी । क्रि॰ प्र॰—बाँधना ।—लगाना ।