वरग

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वरग पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ वर्ग, प्रा॰ वग्ग] दे॰ 'वग्ग' । उ॰— मालवणी मनि दूमणी आवी वरग विमासि ।-ढोला॰, दू॰ ३१६ ।