वास्तु

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वास्तु संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. शुभ निवासयोग्य स्थान । वह स्थान जिसपर घर उठाया जाय । डीह । विशेष—घर बनाने के पहले वास्तु या डीह के शुभाशुभ का विचार किया जाता है । बृहत्संहिता में वास्तुगृह के उत्तम, मघ्यम, आदि क्रम से पाँच भेद कहे गए हैं ।

२. घर । गृह । मकान ।

३. इमारत ।

४. कक्ष । कमरा (को॰) ।

५. दे॰ 'वास्तूक'—१, २ ।

६. आठ वस्सुओं में से एक का नाम (को॰) ।

७. एक प्रकार का अन्न (को॰) ।