विदग्ध

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

विदग्ध ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. रसिक पुरुष । रसज्ञ । नागर ।

२. पंडित विद्वान् ।

३. चतुर । चालाक । होशियार । कलाभिज्ञ ।

४. रूसा नामक घास ।

विदग्ध ^२ वि॰

१. जला हुआ । दग्ध ।

२. जिसका पाक हुआ हो । पका या पचा हुआ (को॰) ।

३. नष्ट । सड़ा गला (को॰) ।

४. जो जला या पचा न हो (को॰) ।

५. सुंदर (को॰) ।

६. भद्रतापूर्ण । जैसे, पोशाक ।

७. परिपक्व । जैसे, गुल्म (को॰) ।

८. पिंग । पीला (को॰) । यौ॰—विदग्ध अजीर्ण = दे॰ 'विदग्धाजीर्ण' । विदग्ध वरिवृद्धता = पेट में अम्ल का घुमड़ना और पेट का फूलना । विदग्ध परिषद् = रसिकों या विदग्ध व्यक्तियों की सभा । विदग्धवचन = वाक्चतुर ।