षट्
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
षट् ^२ संज्ञा पुं॰
१. छह् की संख्या ।
२. षाड़व जाति का एक राग । विशेष—यह राग दीपक राग का पुत्र माना गया है । इसके गाने का समय प्रातः १ दंड से
५. दंड तक है । इसमें सब कोमल स्वर लगते हैं । कोई कोई इसे आसावरी, ललित, टोड़ी और भैरवी आदि रागिनियों से उत्पन्न संकर राग मानते हैं ।
षट् चिति, षट् चितिक वि॰ [सं॰] छह् स्तरों या तहोंवाला [को॰] ।
षट् तंत्री संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ षट्तन्त्री] छह् दर्शनों का एक नाम षड्दर्शन [को॰] ।