सँभारना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सँभारना पु † क्रि॰ स॰ [सं॰ सम्भार]

१. दे॰ 'संभालना' ।

२. याद करना । स्मरण करना । मन में इकट्ठा करके लाना । उ॰—बंदि पितर सब सुकृत सँभारे । जो कुछे पुन्य प्रभाव हमारे । तौ सिव धनुष मृनाल की नाई । तोरहिं राम, गनेस गोसाई ।—तुलसी (शब्द॰) ।