सकता

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सकता ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ शक्ति]

१. शक्ति । ताकत ।

२. सामर्थ्य । उ॰—मिट्टी के बासन को इतनी सकता कहाँ जो अपने कुम्हार के करतब कुछ ताड़ सके । सच है जो बना हो सो अपने बनानेवाले को क्या सराहे ।—इंशाअल्लाह खाँ (शब्द॰) ।

सकता ^२ संज्ञा पुं॰ [अ॰ सकतहु]

१. एक प्रकार का मानसिक रोग जिसमें रोगी बेहोश हो जाता है । बेहोशी को बीमारी ।

२. विराम । यति । मुहा॰—सकता पड़ना = छंद में यतिभंग दोष होना । सकते का आलम = विस्मय से मुग्ध होने की स्थिति । स्तब्ध या ठक होना । सकते की हालत = भय आश्चर्य आदि से स्तब्ध या निःसंज्ञ होने की स्थिति । बेहोशी की सी स्थिति । उ॰—और हँसी का एक ऐसा ठहाका सुन पड़ा कि जिससे सबके सब सकते की हालत में हो गए, मानो सबके होश हवास गायब हो गए हों, केवल शरीर वहाँ बैठा हो ।—पीतल॰, भा॰ २, पृ॰ ६५ ।