सराप

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सराप संज्ञा पुं॰ [सं॰ श्राप] दे॰ 'शाप' । उ॰—तिन्हहि सराप दीन्ह अति गाढ़ा ।—मानस, १ ।१३५ ।