सुमेर
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
सुमेर पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ सुमेरु]
१. सुमेरु पर्वत । उ॰ — (क) शोभित सुंदर केशव कामिनि । जिमि सुमेर पर घन सहगामिनी ।— गिरिधर (शब्द॰) । (ख) संपति सुमेर की कुबेर की जु पावै ताहि, तुरत लुटावत विलंब उर धारै ना । — पद्माकर (शब्द॰) ।
२. गंगाजल रखने का बड़ा पात्र ।