सोभ
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
सोभ पु ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ शोभा] उ॰— (क) अंग अंग आनँद उमगि अफनत बैनन माझ । सखी सोभ सब बसि भई मनो कि फूली साँझ । — पृ॰ रा॰, १४ । ५५ । उ॰— अति सुंदर शीतल सोभ बसै । जहँ रुप अनेकन लोभ लसै । — केशव (शब्द॰) ।
सोभ ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] गंधर्वों के नगर का नाम ।