सोल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सोल ^१ वि॰ [सं॰]

१. शीतल । ठंढा ।

२. कसैला, खट्टा और तीता । चरपरा ।

सोल ^२ संज्ञा पुं॰

१. शीतलता । ठंढापन ।

२. कसैलापन, खट्टापन, तीतापन, चरपापन आदि ।

३. स्वाद । जायका ।

सोल पु † ^३ वि॰ [सं॰ षोड़श] दे॰ 'सोलह' । उ॰—सुंदर सोल सिंगार सजि गई सरोवर पाल । चंद मुलक्यउ, जल हँस्यउ, जलहर कंपी पाल ।—ढोला॰, दू॰३९४ ।

सोल ^४ संज्ञा पुं॰ [अं॰] जूते में लगाने का चमड़े का तल्ला ।