हठना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हठना पु क्रि॰ अ॰ [हिं॰ हठ + ना (प्रत्य॰)]

१. हठ करना । जिद पकड़ना । दुराग्रह करना । उ॰—(क) बरज्यो नेकु न मानत क्योंहूँ सखि ये नैन हठे ।—सूर (शब्द॰) । (ख) जो पै तुम या भाँति हठैहो ।—सूर (शब्द॰) । (ग) सुन बेमूढ़ अगूढ़ बातें करे, हठा है काल तोहि काटि डारे ।—संत॰ दरिया, पृ॰ ७९ । मुहा॰—हठकर = बलात् । जबरदस्ती । किसी का कहना न मानकर । उ॰—सुनि हठि चला महा अभिमानी ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. प्रतिज्ञा करना । दृढ़ संकल्प करना ।